| 1. | दी एन ऐ के एल्केलाइंस का अपना एक नियमित व्याकरण है, भाषा विज्ञानिक नियम कायदे हैं.
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| 2. | से सरल हैं, और इनमें विशिष्ट सरंचनाएं हैं जिनकी अभिव्यक्ति नियमित व्याकरण के साथ नहीं की जा सकती है.
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| 3. | किन्तु पाणिनि ने नियमित व्याकरण के द्वारा भाषा को एक परिष्कृत एवम् सर्वग्य प्रयोग में आने योग्य रूप प्रदान् किया।
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| 4. | संसार की अनेक भाषाएं नियमित व्याकरण के अभाव में या तो लुप्त हो गईं हैं, या इतनी दुरूह हैं कि उन्हें समझना ही दुष्कर हैं।
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| 5. | संसार की अनेक भाषाएं नियमित व्याकरण के अभाव में या तो लुप्त हो गईं हैं, या इतनी दुरूह हैं कि उन्हें समझना ही दुष्कर हैं।
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